Hindi Satsang हिंदी सत्संग Hindi Satsang Bhajan

कबीर साहेब ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है । इस ब्लॉग में आपको  Hindi Satsang  के बारे में  लिख रहा हूँ ये शब्द विचार प्राचीन ग्रंथों से लिया गया है । सत्संग क्या है , सत्य + संगत = सत्संग जंहा सत्य का संगत हो सत्य की चर्चा हो उसे सत्संग कहते है

Hindi Satsang
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(Story) सत्संग का बहुत ही प्रभाव पड़ता है हमारे जीवन पर आज से करीब 25 वर्ष पहले की बात है और ये सत्य है , रामु    ( बदला हुआ नाम ) जो की आरा जिले के रहने वाले थे । रामु  कोलकत्ता के  एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड का नौकरी करते थे । रामु को सत्संग सुनना बहुत पसंद था , तो वो हर रविवार  को कोलकत्ता के धर्मोतला मैदान में सत्संग सुनाने जाया करते थे ।

सत्य है क्या ? Hindi Satsang

  • सत्य एक ही  है , और वो ये है जो आप में मुझ में सबो में बोल रहा है जिव आत्मा वही सत्य है । ये जिव आत्मा उस परमपिता परमेश्वर का ही एक अंश है , इस आत्मा और उस परमात्मा को जोड़ने का जहाँ चर्चा होता है । उसे सत्संग कहते है , इस संसार में ये जिव आ कर खुद को और अपने उस मालिक सत्यपुरुष को भी भूल गया । जब हमारे पुण्य की पूंजी इक्कठा होती है । तब हमें को पहुंचे संत मिलते है , और फिर हमारे भग्य उदय होते है , जब उन संत महात्मा के जरिये हमें अपने घर का पता मालूम होता है । यहाँ मृत्युलोक में आ कर हम अपने घर अमरलोक को भूल गए ।
  • यह शरीर पांच तत्त्व से बना है ( Hindi सत्संग )

  • 1 . पृथ्वी
  • 2 .  जल
  • 3 .  अग्नि
  • 4 .  वायु
  • 5 .  आकाश
  • पांचो तत्त्व का अंदर में रंग कैसा है ? Hindi Satsang
  • 1 . पृथ्वी का रंग ( पीला )
  • 2 . जल का रंग  ( सफ़ेद )
  • 3 .  अग्नि  का रंग ( लाल )
  • 4 .  वायु  का रंग  ( हरा )
  • 5 . आकाश  का रंग ( नीला )


    जिस इंसान में जो तत्त्व का गुण ज्यादा रहता है उसमे उसका प्रभाव इस तरह दीखता है ( Hindi सत्संग )

  • 1 . पृथ्वी  तत्त्व जिसमे जयदा रहता है , उस में  मोह ज्यादा रहता है
  • 2 . जल  तत्त्व जिसमे ज्यादा रहता है , उस में काम ज्यादा रहता है
  • 3 . अग्नि  तत्त्व जिसमे ज्यादा रहता है , उस में क्रोध ज्यादा रहता है
  • 4 . वायु तत्त्व जिसमे ज्यादा रहता है , उस में लोभ ज्यादा रहता है
  • 5 . आकाश तत्त्व जिसमे ज्यादा रहता है , उस में अहंकार ज्यादा रहता हैfantasy astral wallpaper composition Hindi Satsang हिंदी सत्संग Hindi Satsang Bhajan

Hindi Satsang हिंदी सत्संग , प्रभु उनका ड्यूटी किये 

( Story ) रामु सिर्फ सत्संग ही नहीं सुनते थे बल्कि उन सद्भावो को अपने जीवन अपनाते और लागु भी करते और अपने विकार और दुर्गुणों को छोड़ देते । रामु का ये हर रविवार का काम था के , सत्संग के समय वो मैदान में चले जाते थे । एक दिन हुआ ऐसा के उस रविवार को रामु का ड्यूटी बदल गया , उस दिन रामु का ड्यूटी साम से सुबह तक का था । रामु सोचें के आज अगर साम को काम पर जाऊंगा तो , मुझे सत्यसंग नहीं मिलेगा । तो वो सोचे के आज काम पर ही नहीं जाऊंगा , आज सत्यसंग में चला जाऊंगा और सुबह जा कर सबसे माफ़ी मांग लूंगा ।

रामु उस  दिन साम को ड्यूटी पर नहीं गए, और सत्संग में चले गए , जब सुबह हुआ तो रामु तैयार होकर डरते हुए ड्यूटी पर गए । और जाते ही अपने सुपरवाइजर से माफ़ी माँगने लगें , सुपरवाइजर बोलै क्यों माफ़ी मांग रहे हो क्या गलती किये हो जो माफ़ी मांग रहे हो । इस बात पर रामु बोले , कल में ड्यूटी पर नहीं आया था , इसलिए माफ़ी मांग रहा हूँ । सुपरवाइजर बोले कल रात को तो तुम ड्यूटी पर आये ही थे तो क्यों बोल रहे हो , लेकिन रामु बोल रहा था के मैं  सच में ड्यूटी पर नहीं आया था ।

संध्या पाठ पढ़े……

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Hindi Satsang प्रभु से मिलने का सत्संग ही बहाना है 

तो सुपरवाइजर रजिस्टर दिखाते हुए बोलें ये देखो तुम्हारा सिग्नेचर  , देख रामु हक्का बका रह गए । क्यूंकि उस  रेजिस्टर्ड में रामु का ही सिग्नेचर था। तभी एक और वॉचमन आया और बोला  आप बोल रहें हो के  आप कल रात को नहीं आये थे । लेकिन कल आप मेरे साथ ही ड्यूटी पर थे आप मुझ से तम्बाकू भी मांग कर खाये थे । अब रामु का दिमाग ठनका और वो समझ गया के प्रभु मेरे रूप में आकर यहाँ काम किये है । रामु बहुत अफ़सोस जताते हुए वहां से चले गए , और  प्रभु की शरण में लग गए ।

1.Q: सत्संग किसे कहते है ?

A : जहाँ सत्य की चर्चा हो , जहाँ आत्मा को परमात्मा से मिलाने की चर्चा हो , उसे सतसंग कहते है।

2 .Q: आत्मा कहाँ से आया है ?

A : आत्मा सत्यलोक से आया है , और ये आत्मा उन सत्पुरुष का ही एक अंश है।

3 .Q: सच्ची मुक्ति कहाँ पहुंच कर मिलती है ?

A : सच्ची मुक्ति , तब मिलती है जब जिव आत्मा सच्ची गुरु भक्ति करके मान सरोवर पहुंच जाता है , मान सरोवर में नहाने के बाद जीवात्मा इस जन्म और मरण से मुक्त हो जाता है। मानसरोवर पहुंच कर सच्ची मुक्ति मिलती है।

4 .Q: कलयुग की आयु कितनी वर्ष की है ?

A : कलयुग की आयु 4 लाख 32 हजार वर्ष है।

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