Kabir Das Short Biography In Hindi 1 | Kabir Saheb

आज हम आपको Kabir Das Short Biography In Hindi इस ब्लॉग के माध्यम से कुछ ऐसे तथ्य प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा के आप इस बात को विश्वाश करलेंगे की सद्गुरु कबीर साहेब जी का जन्म नहीं हुआ था , वो स्वयं प्रगट हुए थे।

Kabir Das Short Biography In Hindi

1. Kabir Das Short Biography In Hindi

 

कबीर साहेब का जन्म 1398 इस्वी में काशी वाराणसी के लहरतारा तलाब में ज्येष्ठ के पूर्णिमा को  कमल के पुष्प पर प्रगट हुए थे। और निरु और नीमा  नाम के दम्पति अपने घर ले गए , वो भी कबीर साहेब उस वक़्त उनको बोले के  तुम्हारे पहले जन्म के किसी नेह के वजह से तुम्हारे पास आया हूँ , तब निरु और नीमा अपने साथ ले गए।  वे सत्यपुरुष की आज्ञा से इस संसार में प्रगट हुए जीवो , (आत्माओ ) को चेताने क लिए।

कबीर साहेब बच्चपन से ही ज्ञान की ऐसी-ऐसी बात करते थे , के अच्छे-अच्छे ज्ञानी भी उनके शब्दों के सामने फीके पड़  जाया करते थे।  कबीर साहेब ने पाखंड की कड़ी निंदा करते थे और वो सत्य की राह बताते थे।  के यही सही राह है।  कबीर साहेब अपने हाथ से एक शब्द भी नहीं लिखे उनके श्रीमुख से उच्चारता गया। और वो स्वयं अंकित , यानि लिखाते  गया।

Kabir Das Short Biography In Hindi 

कबीर साहेब की रचनाए और उनकी पंक्तियाँ एकदम से सत्य और सटीक होती थी।  कबीर साहेब पाखंड क  विरोध किया करते थे।  इसलिए बहुत लोगो को वो खटकते थे।  लेकिन वो इन बातों की परवाह नहीं किया करते थे।

इनके अनमोल विचार हमें यह सिखाते हैं कि जीवन को सरलता से जीना चाहिए, और अपने कर्मों के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। कबीर साहेब के संदेश ने सभी को एक साथ लाने का काम किया और उनकी बानी आज भी हमारे दिलों में बसी हुई है।

Kabir Das Short Biography In Hindi कुछ ऐसे तथ्य 

जिनको कबीर साहेब की पुत्र और पुत्री लोग बताए है , वो बल्कि उस वक़्त नदी में तैरते हुए जा रहे दो मुर्दे थे।  जो अलग-अलग समय अलग-अलग जगह पर सद्गुरु कबीर साहेब ने जीवित किये।  तभी कहा गया ये तो कमाल हो गया।  इसीलिए उनका नाम कमाल और कमाली रखा गया।

सद्गुरु कबीर साहेब काल और माया से परे थे।  उस समय ये लोगों  के मन में अधिक झूठी धरना थी।  की जो काशी  में मरेगा वो स्वर्ग में जायेगा और जो मगर में मरेगा वो नरक में जायेगा।  कबीर साहेब उनको कितना समझाए की स्वर्ग-नर्क कर्मो से पाया जाता है , जगहों से नहीं , फिर भी लोगो को नहीं समझ आयी।

तब सद्गुरु कबीर साहेब मगर में जाकर अपना शरीर त्यागे इस बात पर विवाद होने लगा हिन्दू-मुस्लमान में , हिन्दू कह रहे थे कबीर साहेब हिन्दू थे। हम जलाएंगे , और मुस्लमान कह रहे थे।  कबीर साहेब मुस्लमान थे।  हम दफ़नायेंगे , तभी आकाश वाणी हुयी कपड़ा  हटाओ जो होगा वो वाट लेना।  जब कपडा हटाए तो , कबीर साहेब के शरीर के जगह २ दो फूल थे।  वही मंदिर और मस्जिद एक साथ मगर में बना है।

इस प्रकार, कबीर साहेब   की छोटी सी जीवनी हमें उनके दिव्य संदेश को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। उनके जीवन की कथा हमें यह बताती है कि एक साधक कैसे अपने आप को ईश्वर की खोज में समर्पित कर देता है और अपने अंतरंग जीवन को एक महान उद्देश्य की ओर अग्रसर करता है।

इस तरह से, हम देखते हैं कि कबीर साहेब  की जीवनी हमें एक उत्कृष्ट मानव और एक दिव्य भक्त की उत्कृष्टता की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उनके भक्ति और समाज सुधार के संदेश आज भी हमें उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं की याद दिलाते हैं और हमें एक उत्कृष्ट जी

Kabir Das Short Biography In Hindi कुछ पूछे गए प्रश्न 

 FAQ . कबीर दास की छोटी सी जीवनी – प्रश्नों के उत्तर

1. कबीर साहेब  कौन थे ?

उत्तर  .   कबीर साहेब परम परमेश्वर थे

2. कबीर साहेब  की दोहे और बानी क्या है ?

उत्तर .   कबीर साहेब के दोहे और वाणी में सत्य और भक्ति रहती है।

3. कबीर साहेब  के संदेश क्या थे ?

उत्तर .  कबीर साहेब के सन्देस यही रहें है के , अपनी औगुणो को छोड़ कर सच्ची राह पर चलो और भक्ति करो।

4. ईश्वर कहा है ?

उत्तर .  ईश्वर सभी के भीतर विराजमान हैं

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