Kabir Das Ka Janm Kab Hua Tha 1

 

Kabir Das Ka Janm Kab Hua Tha

1 . Kabir Das Ka Janm Kab Hua Tha

 

भारतीय साहित्य में कई महान और प्रेरणास्त्रोत व्यक्तिगतियाँ हुई हैं, लेकिन Kabir Das  का स्थान अद्वितीय है। उनकी कविताएँ न केवल भक्ति और धार्मिकता की बात करती हैं, बल्कि वे जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले भावनात्मक आवाज हैं। कबीर दास का जन्म एक गांव में हुआ था जहाँ वे संगीत, परम्परा, और मानवता के दर्शन के साथ बढ़े।

2 . Kabir Das Ka Janm Kab Hua Tha एक भावनात्मक दर्शन

कबीर का जन्म काशी नगरी में सन् 1398 में हुआ था।  कबीर साहेब का जन्म नहीं हुआ था। वे स्वयं प्रगट हुए थे। वे माया से परे थे। वे काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर , ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा को प्रगट हुए थे। कबीर साहेब चारों युगों में प्रगट हुए है, ये चारों युगों के नाम,  सतयुग, सतसुकृत , त्रेता,  मुनिनद्र स्वामी,  द्वापर,  करुणामय स्वामी,

इस संसार मे कबीर साहेब सत्यपुरुष के आज्ञा से जीवों को चेताने आए। क्योंकि इस संसार मे जीवात्मा आ कर अपने मुकाम को और अपने आपको भूल चुका है। तो सत्यपुरुष कबीर साहेब यानी (ज्ञानी पुरुष) को भेजे के संसार मे जाओ और जीवों को ज्ञान देकर चेताओ और उन्हें अमरलोक (सत्यलोक) ले आओ । फिर ज्ञानी पुरुष इस संसार मे आए।ये सभी जीव आत्मा सत्यपुरुष का है।

एक शब्द रखता हूँ अगर आप में से किसी को पता हो तो comments करे,  (आजा के घर अमर बेटा के सर भार तीन लोक को नाती (grandson) ठगे पंडित करो विचार),

हम सभी उन्हीं सत्यपुरुष के अंश है हम सभी इस संसार में तमाशा देखने आये थे। भ्रम में पड़ कर खुद ही  तमाशा करने लगे। इस मरण जीवन के चक्कर से मुक्त होने का एक ही उपाय है । गुरु भक्ति,  गुरु भक्ति से ही इस संसार के जन्म मरण से मुक्ति मिल सकती है।

ज्ञान क्या है? और कौन सा ज्ञान कबीर साहेब देते है?

अपने वास्तविक स्वरुप और अपने वास्तविक घर को जान लेना देख लेना यही सच्चा ज्ञान है। अपने अन्दर ही सब दिख जाता है,  उसके लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है।

सब घट मोरा साइया सुनी सेज ना कोई बलिहारी वह घट का जा घट प्रगट होए

कबीर साहेब जी के बारे मे जितना भी लिखा जाए वो कम है ।

प्रश्न.  राम  कौन है ?

उत्तर.  जो सब में रमण कर रहा है जो सब में बोल रहा है वही राम है

पानी में मिन (मछली) प्यासी मोहे सुन सुन आवत हांसी ।

96 crore श्वांस मिला है, हम कैसे खर्च करते है वो हमारे उप्पर है,  जैसे,  नॉर्मल 15 से 18 चलता है काम करते वक्त 20 से 25 दौड़ते वक्त 40 से 50 और,  मैथुन के दौरान 64 चलता है

बचपन से ही, कबीर दास ने जीवन के महत्वपूर्ण सवालों पर विचार किया और उन्हें खोजने की राह में निरंतर प्रयत्नशील रहे। वे अपने आत्म-अन्वेषण में इतने विशेषज्ञ ब

न गए कि उनकी कविताओं में उन्होंने मानव जीवन के असली तथ्यों को उजागर किया।

कबीर जी के दर्शन और उनकी रचनाएँ आज भी हमारे जीवन में प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी कविताओं में भक्ति, नैतिकता, और मानवता के मूल्यों की महत्वपूर्ण बातें हैं। उनके शब्दों में छिपी गहरी भावनाएँ हमें एक सही दिशा में आग्रहित करती हैं, हमारे आत्मा की गहराइयों में जाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

कबीर दास का जीवन एक दूसरे दिन के साथ तुलना करने योग्य नहीं है। उनकी कविताओं में उनके अनुभव, उनकी दुखभरी भवनाओं की बिना बात की जा सकती है। कबीर जी ने जीवन के प्रत्येक पहलू को अपनी कविताओं में सुंदरता से छेड़ा है, चाहे वो व्यक्तिगत जीवन हो या सामाजिक मुद्दे।

कबीर जी का यथार्थ के प्रति दृष्टिकोण अद्भुत था। उन्होंने जीवन की सामान्य बातों में भी एक गहराई देखी और उन्हें अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रकट किया। उनकी कविताओं में सामाजिक और धार्मिक विचारधारा को एकत्रित किया गया है, जो एक अद्वितीय मानवता की ओर पोखरण का कारण बनता है।

कबीर दास का संदेश आज भी हमें उनकी कविताओं के माध्यम से मिलता है। उनकी कविताएँ हमें एक सरल और सहज जीवन जीने की महत्वपूर्ण बातें सिखाती हैं। उन्होंने हमें यह सिखाया कि जीवन के अच्छे और बुरे समयों में भी सदैव प्रसन्न रहना चाहिए और सभी को समान भावना के साथ देखना चाहिए।

कबीर दास का जीवन हमें यह सिख देता है कि ज्ञान और भक्ति की ओर बढ़ते समय हमें कभी भी अपने मूल मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए। वे एक ऐसे महान संत थे जिन्होंने भक्ति के माध्यम से हमें एक सामाजिक और धार्मिक उद्देश्य की ओर आग्रहित किया।

आज के युग में भी, कबीर दास की शिक्षाएँ हमारे जीवन को मार्गदर्शन करती हैं। कबीर दास के दर्शनीय शब्द हमें सही और गलत के बीच केअंतर को समझने की क्षमता प्रदान करते हैं और हमें सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

इस प्रकार, कबीर दास का जन्म सिर्फ़ एक तिथि नहीं था, बल्कि वह एक भावनात्मक दर्शन का प्रतीक थे। उनके शब्दों में छिपी भावनाएँ आज भी हमारे दिलों में बसी हैं और हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। कबीर दास के जीवन से हमें यह सिख मिलती है कि आत्मज्ञान और मानवता के प्रति समर्पण के माध्यम से हम अपने जीवन को महत्वपूर्ण और सफल बना सकते हैं।

FAQ . Kabir Das Ka Janm Kab Hua Tha

प्रश्न 1:  कबीर दास का जन्म कब हुआ था ?

उत्तर: कबीर दास का जन्म काशी नगरी में सन् 1398 में हुआ था।

प्रश्न 2: Kabir Das के माता-पिता का नाम क्या था?

उत्तर: कबीर साहेब प्रगट हुए थे और उनको पाले थे, निरु और नीमा

प्रश्न 3: Kabir Das का संदेश क्या था?

उत्तर: Kabir Das का संदेश भक्ति, नैतिकता, और मानवता के मूल्यों की महत्वपूर्णता पर आधारित था। उन्होंने सच्चे जीवन जीने और सभी के साथ समान भावना के साथ रहने की महत्वपूर्णता को बताया।

प्रश्न 4: Kabir Das की कविताएँ किस प्रकार की होती थीं?

उत्तर: Kabir Das की कविताएँ भावनात्मक और सरल भाषा में होती थीं, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाली थीं। उन्होंने जीवन की सामान्यता में भी गहराई देखी और उसे अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रकट किया।

प्रश्न 5: क्या कबीर दास के संदेश आज भी मानव जीवन को प्रेरित करते हैं?

उत्तर: जी हां, कबीर दास के संदेश आज भी हमें उनकी कविताओं के माध्यम से मिलते हैं और हमें सही और गलत के बीच अंतर को समझने, सच्चे मार्ग पर चलने, और सहयोगी और निष्ठावान व्यक्तित्व का विकास करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

प्रश्न 6: Kabir Das के जीवन से क्या सिखा जा सकता है?

उत्तर: कबीर दास के जीवन से हमें यह सिख मिलती है कि आत्मज्ञान, भक्ति, और मानवता के प्रति समर्पण से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उनके शब्दों में छिपी भावनाएँ हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं और हमें एक उद्देश्यपूर्ण और नैतिक जीवन जीने की महत्वपूर्णता को समझाती हैं।

Leave a Comment